गाजियाबाद। इंदिरापुरम व लिंक रोड थाना पुलिस के कारनामों के बाद भ्रष्टाचार के आरोपों में घिरी गाजियाबाद पुलिस अब ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर चर्चा में है। मंगलवार को पुलिस में उस वक्त हड़कंप मच गया, जब एसएसपी द्वारा किए जा रहे एसएचओ के तबादलों में भ्रष्टाचार का आरोप लगा। आरोप एसएसपी के पीआरओ के मोबाइल नंबर से डाले गए मैसेज से लगाया है। कहा है कि आखिर भ्रष्टाचारियों को ही थानों का चार्ज क्यों दिया जा रहा है? मंगलवार को मैसेज वायरल होने पर पुलिस में हड़कंप मच गया। जिसके बाद एसएसपी ने आरोपों को निराधार बताते हुए एसपी सिटी को जांच सौंपी है तो वहीं, पीआरओ का कहना है कि वह मैसेज डिलीट करना चाह रहे थे गलती से फारवर्ड हो गया। आईजी ने मामले में रिपोर्ट तलब की है।
एसएसपी सुधीर कुमार सिंह ने गत आठ नवंबर को चार थानों सिहानी गेट, नगर कोतवाली, ट्रॉनिका सिटी व महिला थाने के एसएचओ बदले थे। लेकिन, अयोध्या मामले में फैसले की तिथि 9 सितंबर घोषित होने पर तबादला आदेश होल्ड कर दिए गए। तबादलों को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही थीं कि सोमवार शाम को एसएसपी के पीआरओ इंस्पेक्टर पंकज कुमार के पर्सनल नंबर से एक व्हाट्सएप ग्रुप पर भेजे गए मैसेज से हड़कंप मच गया। मैसेज में कप्तान द्वारा की जा रही ट्रांसफर पोस्टिंग पर सवाल खड़े किए थे। लिखा कि गाजियाबाद में आखिर भ्रष्टाचारियों को ही थानों का चार्ज क्यों दिया जा रहा है?
तबादलों के बाद खंडन, तीसरे दिन वही सूची जारी
8 नवंबर को चार थानों के एसएचओ बदले गए थे। उक्त सूचना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई थी। हालांकि, पुलिस ने तबादलों का खंडन किया था। लेकिन, मंगलवार को वही तबादला सूची जारी कर दी गई। सूची के मुताबिक इंस्पेक्टर सतेन्द्र कुमार सिंह को नगर कोतवाल बनाया गया, जबकि नगर कोतवाल रहे लक्ष्मण वर्मा को डीसीआरबी प्रभारी की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा सिहानी गेट थाने का एसएचओ इंस्पेक्टर गजेंद्र पाल सिंह को बनाया गया है, जबकि यहां के एसएचओ उमेश बहादुर सिंह को क्राइम ब्रांच भेजा गया है। ट्रॉनिका थाने का चार्ज इंस्पेक्टर रमेश राणा को दिया गया है, जबकि वहां के एसएचओ सुभाष सिंह को क्राइम ब्रांच भेजा गया है। महिला थाने में जिज्ञासा पारासर को एसएचओ बनाया है, जबकि वहां की एसएचओ रेनू सक्सेना को महिला सेल प्रभारी बनाया है।
वायरल मैसेज में इंस्पेक्टर व एसएसपी पर ये आरोप
एसएचओ कविनगर : मैसेज में कविनगर इंस्पेक्टर अनिल शाही के बारे में लिखा है कि नोएडा के ईमानदार एसएसपी वैभव कृष्ण ने जिस अनिल शाही को भगा दिया था, उन्हें गाजियाबाद के महत्वरपूर्ण जिले का चार्ज दे दिया गया। उन्होंने गाजियाबाद में आकर भ्रष्टाचार बंद कर दिया क्या।
एसएचओ ट्रॉनिका सिटी : इंस्पेक्टर रमेश राणा को ट्रॉनिका सिटी थाने का एसएचओ बनाया है। उनके बारे में लिखा है कि उन्हें चेन्नई एसपी अपर्णा गौतम ने भ्रष्टाचार के मामले में रंगेहाथ पकड़ लिया था। इस पर रमेश राणा ने एसपी अपर्णा को मोहननगर चौकी में बंदी बना लिया था।
एसएचओ नगर कोतवाली : नगर कोतवाल बनाए गए इंस्पेक्टर सत्येंद्र प्रकाश सिंह के बारे में लिखा है कि बड़ी पेशी में पेशकार सत्येंद्र सिंह, जिन्हें खोड़ा थाने से हटे अभी छह महीने नहीं हुए, उन्हें भी चार्ज दिया जा रहा है। अगर वह इतने ही कर्मठ थे को क्यों हटाया गया था।
पूर्व एसएचओ इंदिरापुरम : तीन दिन पहले भ्रष्टाचार के मामले में निलंबित किए गए इंदिरापुरम थाने के पूर्व एसएचओ दीपक शर्मा केबारे में लिखा है कि वह पूर्व में भी भ्रष्टाचार के मामले में गाजियाबाद से हटाए गए थे। उनको इंदिरापुरम जैसे थाने का चार्ज दे दिया गया। आखिर क्यों?
एसएसपी : गाजियाबाद एसएसपी उच्चाधिकारियों के बनाए गए मापदंडों को भी नहीं समझते हैं क्या। आखिर गाजियाबाद में भ्रष्टाचारियों को ही क्यों चार्ज दिया जा रहा है?
इन एसएचओ को लेकर एसएसपी का स्पष्टीकरण
इंस्पेक्टर सत्येंद्र प्रताप सिंह : लगभग चार साल पहले खोड़ा एसएचओ रहते समय सत्येंद्र सिंह ने खुद ही स्वास्थ्य कारणों का हवाला दिया था, जिसके बाद उन्हें अपना वाचक नियुक्त कर दिया गया। वहां से किसी थाने में ट्रांसफर किए जाने पर 6 माह का नियम लागू नहीं होता।
इंस्पेक्टर अनिल शाही व रमेश राणा : दोनों एसएचओ थानों के चार्ज के लिए अनुमोदित श्रेणी के निरीक्षक हैं। इनकी चरित्र पंजिका में किसी तरह के भ्रष्टाचार का उल्लेख नहीं है।
वर्जन ...
डिलीट होने की बजाय फारवर्ड हो गया मैसेज : पीआरओ
मामला सुर्खियों में आने पर जिला पुलिस में भी अफरातफरी मच गई। मंगलवार शाम पुलिस के व्हाट्सएप ग्रुप पर पीआरओ का खंडन भी आ गया। पीआरओ पंकज कुमार का कहना है कि वह उक्त मैसेज को डिलीट कर रहे थे, लेकिन गलती से एक ग्रुप पर फारवर्ड हो गए। उन्होंने किसी पर कोई आरोप नहीं लगाए हैं। वह उक्त मैसेज का खंडन करते हैं।
मेरी छवि खराब करने के लिए लगाए अनर्गल आरोप : एसएसपी
इंस्पेक्टर के तबादलों को लेकर कुछ व्हाट्सएप ग्रुप पर आरोप लगाए गए हैं। जिन इंस्पेक्टर को चार्ज दिया गया है, वह अनुमोदित श्रेणी के निरीक्षक हैं। उनकी चरित्र पंजिका में किसी तरह के भ्रष्टाचार का उल्लेख नहीं है। केवल मेरी छवि खराब करने के लिए किसी के द्वारा आरोप लगाए गए हैं। मेरे पीआरओ ने इस प्रकार की कोई भी पोस्ट ग्रुप में डालने से इन्कार किया है। मामले की जांच एसपी सिटी को सौंपी गई है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। - सुधीर कुमार सिंह, एसएसपी
एसएसपी से मांगी है पूरे मामले की रिपोर्ट : आईजी
प्रकरण जानकारी में आया है। एसएसपी से मामले की रिपोर्ट तलब की गई है। स्थानीय अधिकारी से जांच कराने के निर्देश भी दिए गए हैं। - आलोक कुमार सिंह, आईजी
थानों के चार्ज देने में भ्रष्टाचार के मैसेज वायरल, पुलिस में हड़कंप